कभी सोचा नहीं था ऐसे भी दिन आएंगे
कभी सोचा नहीं था
ऐसे भी दिन आएंगे
छुट्टीयां तो होगी
लेकिन मना नहीं पाएंगे
रास्ते खुले होंगे
लेकिन कहीं जा नहीं पाएंगे
जो दुर रह गए उनको पास बुला
नहीं पाएंगे
और जो पास हें उनसे हाथ तक
नहीं मिला पाएंगे
नहीं दीखेगी कोई मुस्कुराहट
चेहरे सारे मास्क से ढक जायेंगे
कभी सोचा नहीं था
ऐसे भी दिन आएंगे
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